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वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग कहाँ है ?

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प्रश्नकर्ता – वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग कहाँ है ? महाराष्ट्र के परली में अथवा झारखण्ड के देवघर में ?

निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु – शास्त्रों में “परल्यां वैद्यनाथञ्च” एवं “वैद्यनाथञ्चिताभूमौ” ये दोनों ही सन्दर्भ मिलते हैं। लंकेश्वर रावण के द्वारा स्थापित रावणेश्वर शिवलिंग की बात करें तो वह देवघर में ही है क्योंकि यदि आधुनिक काल के मानचित्र के अनुसार भी देखें तो कैलास और लंका के मध्य सीधे यात्रा करने पर झारखण्ड ही मध्य में पड़ेगा, महाराष्ट्र नहीं।

श्रीवैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, जो झारखण्ड के देवघर में स्थित हैं, उनका नाम ही वैद्यनाथ है, व्यक्तिवाचक संज्ञा है। जबकि जो महाराष्ट्र के परली में हैं, वे वैद्यों के नाथ, ऐसी गुणवाचक संज्ञा से युक्त हैं। ज्योतिर्लिंग के रूप में दोनों का ही वर्णन यद्यपि समुपलब्ध है किन्तु फिर भी शास्त्रीय प्रमाण देवघर के विषय में अधिक मिलते हैं क्योंकि चिताभूमि देवघर को ही कहा गया है, परली को नहीं।

पुनश्च द्वादशज्योतिर्लिंगसंस्तवन में भी वैद्यनाथ के ध्यान में कहते हैं – पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने … भारत के मध्य भाग से देखें तो देवघर की स्थिति ही पूर्वोत्तर में पड़ेगी, परली की नहीं। साथ ही शवों का प्रज्वलन भी वहीं प्रसिद्ध है, परली में नहीं। कुछ आगमवाक्य भी ध्यातव्य हैं। शक्तिसङ्गमतन्त्र में देशादिविनिर्णय के अन्तर्गत अंगदेश का परिसीमन बताते हुए भगवान् उपदिष्ट करते हैं –

वैद्यनाथं समारभ्य भुवनेशान्तगं शिवे।
तावदङ्गाभिधो देशो यात्रायां न हि दुष्यति॥

सर्वविदित है कि अंगदेश प्राचीन बिहार का भाग है जिसकी सीमा में वैद्यनाथ स्थित हैं और देवघर भी पहले बिहार में ही था। वर्तमान में यह तीर्थ झारखण्ड राज्य में आ गया है। झारखण्ड नाम बहुत प्राचीन है और वास्तव में वैद्यनाथ भगवान् झारखण्ड में ही हैं, ऐसा स्पष्ट आगमवाक्य भी महालिङ्गेश्वरतन्त्र में समुपलब्ध है – झारखण्डे वैद्यनाथो वक्रेश्वरस्तथैव च। अतः शास्त्रप्रामाण्य के बल पर झारखण्ड के देवघर स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को विशिष्ट प्राधान्यता प्राप्त है।

श्रीमन्महामहिम विद्यामार्तण्ड श्रीभागवतानंद गुरु
His Holiness Shri Bhagavatananda Guru